संविधान निर्माण समिति के सचिव डॉक्टर रत्नप्पा कुम्भार के 26 वा पुण्यतिथि श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए।


झरिया विधान सभा,, गणतंत्र समूह,, के द्वारा आज 23 दिसम्बर को डा. रत्नभा कुम्हार के निर्वाण दिवस मान्यवर द्वारिका पंडित के अध्यक्षता में संपन्न हुई, बस्ताकोला में संपन्न कार्यक्रम में शोषित वंचितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले एवं भारतीय संविधान में अंतिम हस्ताक्षर करने वाले स्वतंत्रता सेनानी डा. रत्नाभा कुम्हार,, के 26 निर्वाण दिवस पर उन्हें याद किया !इस अवसर पर बहुजन महापुरुष डा. रतनभा कुम्हार के आदमकद फोटो पर फूल माला चढ़ाये गए, वही बोद्धिसत्व बाबा साहेब अम्बेडकर, ज्योतिबा फुले एव शिक्षा को बढ़ावा देने वाले संत गाडगे के तस्वीर और पुष्प चढ़ाये गए ! कार्यक्रम के शुरुआत संविधान के प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से किया गया ! इस अवसर पर गणतंत्र के साथी प्रेम बच्चन ने रत्नभा कुम्हार के जीवन संघर्षो पर चर्चा करते हुए बताया इतने बड़े योगदान देने वाले महापुरुष को भूलना या गिर सत्तासीनों द्वारा भुला दिए जाना यह साबित करता है सत्ता बहुजन प्रतिभा को दबाना चाहती है, सभा में यह भी घोषणा की गई हम.बहुजन महापुरुषों के योगदान को शक्ति के साथ स्थापित करने में हर सम्भव प्रयास को तेज करने का निर्णयः क लिया ! वक्ताओं ने यह भी कहा रत्नभा कुम्हार यदि संविधान हस्ताक्षर नहीं करते तब शायद यह अमूल्य संविधान पारित नहीं पाती, सभा में, हरेराम पंडित कैलाश रजक, गौरी चेता, योगेश पंडित, देवीलाल भुइयां,नरेश सिंह, श्रवण पंडित, राजाराम, संजय पंडित, मथुरा रजक, अमरजीत कालिंदी, के. डी. महतो, टारजन भुइयां, चंदन पासवान, कालेश्वर प्रसाद, वीरेंद्र शर्मा, पप्पू पंडित, मनीष यादव, सहित अन्य उपस्थित थे अनेको साथी को नीला गमछा देकर सम्मानित किया !

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