यह पूरा कार्यक्रम धनबाद महानगर मंत्री किशोर कुमार झा के नेतृत्व में किया गया। किशोर झा ने कहा कि आजकल के युवा पीढ़ी सभी अपने संस्कृति एवं संस्कारों को भूलते जा रहे हैं और जो देश के लिए अपने जान को निछावर कर दिया आज की युवा पीढ़ी उनको जानते तक नहीं है ।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद धनबाद महानगर के द्वारा यह कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था आजकल के युवा पीढ़ी को उन महापुरुषों के बारे में बताना जिनके बारे में वह लोग जानते नहीं है।
बताते चलें की हजारों वर्षों से वनों में रहनेवाले जनजाति समाज में जन्मे स्वर्गीय कार्तिक उरांव का अनन्य साधारण व्यक्तित्व एवं कृतित्व पीढ़ियों तक हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा. एक उच्च विद्याविभूषित और पेशेवर इंजीनियर होने के कारण उनके सामने अनेक अवसर उपलब्ध थे. परतु जिस समाज से वे आए थे, उसकी सेवा करने में ही उन्होंने अपने जीवन लक्ष निर्धारित किया. जनजाति समाज का विकास एवं उसमे आनेवाली बाधाओं सबंधी उनके पास दूरदृष्टि थी. उन्होंने संसद एवं उसके बहार समाज में बिना लाग-लपेट के मुखर होकर इस सन्दर्भ में बातों को रखा. यही एक कारण है की उनके स्वर्गवास के इतने वर्षों के बाद भी, उनके विचारों की प्रासंगिकता थोड़ी भी कम नहीं हुई है. जनजाति समाज के वे अत्यंत मेधावी एवं उच्च विद्याविभूषित नेता थे. अपने लोगों के प्रति उनकी अत्यधिक प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने तीन बार लोहरदगा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व लोक सभा में किया. वे अपनी कड़ी मेहनत और समाज और राष्ट्र की सेवा करने के जुनून के बल पर भारत सरकार के विमानन और संचार मंत्री भी बने. भारत के जनजातीय समाज के उत्थान के लिए वे आजीवन प्रतिबद्ध रहे एवं उनके धर्म एवं संस्कृति की बाहरी आघातों से रक्षा के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे.