अत्याधुनिक तरीके से साइबर क्राइम करने वाले 6 मास्टरमाइंड साइबर क्रिमिनल को पुलिस ने किया गिरफ्तार #jamtara

जामताड़ा: जिले की पुलिस को इस बार बड़ी सफलता मिली है। झारखंड के जामताड़ा जिला पूरे देश में साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाता है। साइबर अपराधियों के गढ़ से पुलिस ने अत्याधुनिक तरीके से साइबर ठगी करने वाले 6 मास्टरमाइंड शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने अब तक 415 पीड़ितों का अकाउंट खाली कर 11 करोड़ रूपये से भी अधिक का ठगी किया है।

पुलिस ने संगठित तरीके से देर भर में साइबर अपराध करने वाले अत्याधुनिक साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। 6 मास्टरमाइंड साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले का खुलासा एसपी डॉ एहतेशाम वाकरीब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया है।एसपी ने बताया कि 1 महीने से भी अधिक समय तक कड़ी निगरानी करने के बाद पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड 6 शातिर साइबर अपराधों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 14 मोबाइल, 23 सिम कार्ड, एक ड्रोन कैमरा, एक डीएसएलआर कैमरा, दो चार पहिया वाहन, 10 एटीएम कार्ड सहित 1 लाख 8 हजार रूपये नगद बरामद किया है। पकड़े गए साइबर अपराधियों ने देश भर में 415 से अधिक साइबर अपराध की घटना को अंजाम दिया है। जिसमें 11 करोड़ से भी अधिक राशि की ठगी की गई है।

पकड़े गए साइबर अपराधियों के जप्त मोबाइल से करीब 2700 पीड़ितों का पता चला है।पुलिस के अनुसार साइबर अपराधियों के द्वारा बनाई गई वेबसाइट से व्हाट्सएप ओटीपी, फोन पे, लॉगिनओटीपी, बैंकिंग लेनदेन आदि के करीब ढाई से तीन लाख मैसेज मिले हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड सीआईडी तकनीकी सहायता टीम ने गृह मंत्रालय और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र से सहयोग मांगा है। ताकि इस मामले में और आगे कार्रवाई की जा सके।

पकड़े गए साइबर अपराधी गिरिडीह, जामताड़ा, सारठ, धनबाद और देवघर में सक्रिय थे। एसपी ने इस गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने बताया कि यह गिरोह पीएम किसान, पीएम फसल बीमा और एसबीआई, पीएनबी, एक्सेस एनपीसीआई इंटरनेशनल जैसे विभिन्न भारतीय बैंकों के नाम से फर्जी मोबाइल एपीके एप्लीकेशन बनाते थे। फिर इन एपीके को व्हाट्सएप के माध्यम से आम लोगों को भेजा जाता था। जो इसे अपने फोन पर डाउनलोड कर लेते थे। इसके बाद उनका फोन हैक हो जाता था और फिर वह बिना ओटीपी के ही खाते से पूरा पैसा निकाल लेता था। साथ ही उनके द्वारा एपीके को अन्य साइबर अपराधियों को 20 से 25 हजार रुपये प्रति एपीके के हिसाब से बेचा जाता था।साइबर अपराधी एंड्राइड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के विशेषज्ञ है। इन मोबाइल एपीके उपभोक्ताओं के फोन को हैक करने और एसएमएस कॉल फॉरवर्डिंग का उपयोग करके बैंक खाता विवरणी, ओटीपी ,जन्मतिथि चुराने की क्षमता थी।

जिसका उपयोग सीधे-साधे पीड़ितों के बैंक खातों में अनादिकृत लेनदेन करने के लिए किया जाता था। इनके पास नेशनलाइज्ड बैंक के साथ-साथ पीएम किसान योजना, फसल बीमा योजना के लाभुकों के डिटेल्स भी मिले हैं। गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधी एंड्राइड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के विशेषज्ञ हैं और मैलवेयर डेवलपमेंट चैटजीपीटी का इस्तेमाल करते पाए गए हैं। यह शातिर साइबर अपराधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते थे। पकड़े गए साइबर अपराधी अजय मंडल, शेख बलाल और मोहम्मद महबूब, डीके बोस के नाम से एक छद्म प्रोफाइल बनाया था। एसपी ने बताया कि गिरोह द्वारा पीएम किसान योजना, फसल बीमा योजना, यहां तक की विभिन्न बैंक का भी सारा डिटेल्स भी चोरी कर लिया करते थे। विभिन्न बैंकों के खाता धारकों का डाटा पाया गया गया है। इस गिरोह के अन्य सदस्यों का भी पता चला है जिसकी तलाश जारी है।

गिरफ्तार साइबर अपराधियों का नाम मोहम्मद महबूब आलम, सफाउद्दीन अंसारी, आरिफ अंसारी, जसीम अंसारी, शेख बलाल और अजय मंडल है। सभी को न्यायिक हिरासत से जेल भेज दिया गया है। एसपी ने बताया कि इससे पूर्व चार साइबर अपराधी मोहम्मद आरिफ अंसारी, मोहम्मद जसीम अंसारी, शेख गुलाल और साफा उद्दीन अंसारी चारों पूर्व में भी साइबर अपराध के मामले में जेल जा चुका है।

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