छला हुआ महसूस कर रहा हूं…’, तिरुपति लड्डू विवाद पर 11 दिन उपवास पर डिप्टी सीएम पवन कल्याण

भारत के सभी मंदिरों में राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब सनातन धर्म रक्षा बोर्ड का गठन किया जाये

पवन कल्याण ने कहा अगर यह मस्जिद में हुई होती तो फिर क्या…

हैदराबाद न्यूज़:-आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल वाली रिपोर्ट आने बाद से काउी बवाल खड़ा हो गया। सियासी गलियारों से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक देशभर से लोग इसका विरोध कर रहे हैं। हर कोई इस पर नाराजगी जता रहा है। ऐसे में अब इस मामले पर राज्य के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता पवन कल्याण ने प्रायश्चित करने का फैसला किया है। उन्होंने 11 दिनों के उपवास का ऐलान किया है।दरअसल, बालाजी मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू को लेकर खड़े हुए विवाद के बाद पवन कल्याण ने एक्स यानी कि ट्विटर पर पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा, ‘हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा की धर्मधुरी, श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में, कुत्सित प्रयासों के तहत, जो अपवित्रता का, संचार करने की कोशिश की गई, उससे मैं व्यक्तिगत स्तर पर, अत्यंत मर्माहत हूँ और सच कहूं तो, अंदर से अत्यंत छला गया, महसूस कर रहा हूं।’पवन कल्याण ने आगे लिखा, ‘प्रभु वेंकटेश्वर से, मेरी प्रार्थना है कि, इस दुःख के क्षण में हमें, और समस्त सनातनियों को, अपनी अहैतुकी कृपा से, सबलता प्रदान करें। मैं अभी इसी क्षण, भगवन से क्षमा प्रार्थी हो, प्रायश्चित दीक्षा हेतु, प्रण सिद्ध कर रहा हूं और ग्यारह दिवसीय उपवास हेतु, धर्म संकल्पित हो रहा हूं। ग्यारह दिवसीय, प्रायश्चित दीक्षा, के उत्तरार्ध में, एक और दो अक्टूबर को, मैं तिरुपति जाकर, प्रभु के साक्षात दर्शन कर क्षमा प्रार्थी होऊंगा, विनती करूंगा और तब, भगवन के समक्ष, मेरे प्रायश्चित दीक्षा की पूर्णाहूति होगी।’

भारत के सभी मंदिरों में राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब सनातन धर्म रक्षा बोर्ड का गठन किया जाये

साउथ एक्टर और डिप्टी सीएम ने आगे लिखा, ‘अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए। सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, आम नागरिकों, मीडिया और अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य सभी दिग्गजों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक सार्थक बहस होनी चाहिए। मेरा मानना है कि हम सभी को किसी भी रूप में ‘सनातन धर्म’ के अपमान को रोकने के लिए अविलंब एक साथ आना चाहिए।’

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