धनबाद के निरसा में मंगलवार की रात सीआईएसफ ने गुप्त सूचना पर के आधार पर पलासिया के जंगल में छापेमारी की गई।
छापेमारी में हजारों की संख्या में बोरे में भरकर रखा कच्चा कोयला,11 ट्रैक्टर एवं 03 बाईक जब्त किया है
छापेमारी होता देख अवैध खनन में लगे मजदूर एवं कर्मी , कोयला तस्कर गैंग मौके से भाग निकले।
बताया जा रहा है कि राहुल नामक कोई व्यक्ति के देखरेख में पूरा कोयला सिंडिकेट चल रहा है। रोजाना सैकड़ों टन कोयला ट्रैक्टर, बाइक एवं स्कूटर के माध्यम से शाम होते ही आसपास के भट्टों में खपाया जाता है। यह खेल रोजाना बिना किसी भय के चल रहा था।
सीआईएसएफ की इतनी बड़ी छापेमारी से ना सिर्फ पंचेत पुलिस ,जिला प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर आला अधिकारियों द्वारा अवैध खनन की बात पूछे जाने पर नकार दिया जाता है या यह कह कर चुप कर दिया जाता है कि इसकी कोई सूचना नहीं है।
आम लोगों के जेहन में यह बात कौंध रही है कि क्या निरसा में बिना किसी प्रशासनिक मिलीभगत के इतना सारा कोल का अवैध कारोबार संभव है..?
अब देखना यह है कि इतनी भारी मात्रा में मौके से कोयला जब्त किए जाने पर प्रशासन क्या कार्रवाई करती है। कितने कोयला तस्करो पर प्राथमिकी दर्ज होती है,कितने को जेल भेजा जाता है या विटामिन एम के दम पर सिस्टम होगा फेल और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा ।
इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस वक्त छापेमारी हुई। उस वक्त मौके पर दर्जनों की संख्या में कुआं बनाकर मजदूर कोयला निकाल रहे थे। फिर सीआईएसएफ कोयला चोरों को क्यों नहीं पकड़ पाई…
सीआईएसएफ कमांडर शंभू प्रसाद का कहना है कि इस संबंध में संबधित स्थानीय प्रशासन को कई बार सूचना दिया है परंतु उनके द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया। अंत में मजबूर होकर हम लोगों ने खुद कार्रवाई की है।