चासनाला टासरा रेलवे साइडिंग बना ग्रामीणों के लिए आफत, ग्रामीणों ने फूका बिगुल, प्रदूषण रोकने में सेल का हर योजना फेल


कोयला इस्पात मज़दूर पंचायत के बैनर तले ओझा बस्ती के स्थानीय लोगो ने आठ सूत्री मांग को लेकर रेलवे साइडिंग और ट्रांसपोर्टिंग कार्य किया ठप। स्थानीय लोगो और आंदोलन में शामिल विश्वजीत ओझा ने बताया की प्रदूषण की वजह से स्थानीय लोगो को हो रही बीमारी, प्रबंधन नही दे रहा इलाज दवा का खर्च,घरों में हो रहे दरार कंपन्न, बेरोजगारों युवकों को नही मिल रहा रोजगार, प्रदूषण से ग्रामीणों को कब मिलेगी राहत। सैलरी कीचड़ में चलने को स्थानीय लोग बिबश, प्रबंधन अगुवाई करने वाले स्थानीय लोगों को प्रदूषण से निजात, रोज़गार दिलाने के नाम पर वर्षो से बना रहे मूर्ख, बिना नियम पालन चल रहा हैं टासरा रेलवे साइडिंग का कार्य। ट्रांसपोर्टिंग कार्य ठप करने वाले में भाजपा जोरापोखर मंडल संयोजक स्वरूप राय, विकास ओझा, बापी ओझा, विश्वजीत ओझा,अजीत महतो , मिथुन, श्यामल, निर्मल, कृष्णा, विशाल महतो, लालू, आशीष, दिनेश ओझा, दीपक गोराई, दीपक कुमार, मनोज सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे । प्रदूषण रोकथाम हेतु वॉल बाउंड्री, ग्रीन पर्दा कार्यों पर सेल प्रबंधन द्वारा ठेका के माध्यम से किए गए लाखो करोड़ खर्च सभी योजना फेल साबित हुई।बताते चलें कि अगर कोई सूचना का अधिकार कार्यकर्ता ,यूनियन लीडर सेल चासनाला कोलियरी में हावी अफसरशाही, बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार , षड्यंत्र के तहत कोलियरी को बंद करने के साजिश, ठेका कार्यों में हो रहे भारी अनियमतित्ता,प्रदूषण, बड़े पैमाने पर हो रहे लोहा ,कोयला चोरी के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसके आवाज को दबाने हेतु सेल प्रबंधन, सुरक्षा विभाग, ठेकेदार द्वारा षड्यंत्र रच कर विटामिन एम और पैरवी के बल पर उस पर कोलियरी के ठेका मजदूरों द्वारा झूठे एससी एसटी केस ,गाली गलोज,रंगदारी ,महिला छेड़ने के मामले में फंसा दिया जाता है और चुप रहने को कहा जाता है।

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