धनबाद : साइबर अपराधियों की करतूत से तो कोयलांचल के लगभग सभी लोग परेशान है. हजारों -लाखों लोग ठगी के शिकार हुए हैं और हो रहे है.
डिजिटल अरेस्ट कर कई लोगों के बैंक खातों पर साइबर अपराधियों ने डाका डाला है. लेकिन अगर साइबर अपराधियों का पोषक बनने का पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगे और इस आरोप में वह निलंबित कर दिए जाएं, तो इसे आप क्या कहेंगे. जी हां, गोविंदपुर के दो दरोगा और एक जमादार लगभग इसी आरोप में सस्पेंड किए गए है.
धनबाद एसएसपी ने गोविंदपुर थाना के दो दरोगा और एक जमादार को निलंबित कर दिया है. पुलिस अवर निरीक्षक पवन कुमार अग्रवाल एवं रवि रंजन पांडे तथा सहायक अवर निरीक्षक विजय कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई की गई है.गोविंदपुर के पुलिस इंस्पेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई हुई है. सूत्र बताते हैं कि साइबर अपराधियों से वसूली के फेर में तीनों के खिलाफ कार्रवाई हुई है.
सूत्रो ने बताया कि गोविंदपुर पुलिस ने पिछले सप्ताह धैया से कई साइबर अपराधियों को पकड़ा था. पूछताछ कर उन्हें छोड़ दिया था. इसके बाद उनकी सूचना के आधार पर पिछले सप्ताह रात में उक्त तीनों पुलिस अधिकारी सिविल ड्रेस में थाना प्रभारी को बिना सूचना दिए, साइबर अपराधियों को पकड़ने देर रात को काला डाबर गांव चले गए थे. जहां ग्रामीणों ने तीनों की पिटाई कर उन्हें बंधक बना लिया था. इसमें दरोगा पवन कुमार अग्रवाल के सिर में चोट भी आई थी. मामला बिगड़ता देख तीनों ने गोविंदपुर पुलिस को सूचित किया.सादे लिवास में बिना सूचना दिए गए पुलिस टीम को बना लिया गया था बंधक.इसके बाद गोविंदपुर पुलिस वहां पहुंची और तीनों को ग्रामीणों से छुड़ाया था. इस घटना से पुलिस की भद्द पिट गई थी. इसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर ने तीनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एस एसपी को पत्र लिखा था.
गोविंदपुर थाने के इन पुलिस अधिकारियों की करतूत से सभी भौंचक है. सवाल उठता है कि गोविंदपुर में तो इंस्पेक्टर की रिपोर्ट पर कार्रवाई हो गई है.
अन्य थानों के पुलिस अधिकारी भी क्या इसी तरह कुछ कर रहे हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि पुलिस की लगातार दबिश के बावजूद धनबाद में साइबर अपराधियों की गतिविधियां कम हो नहीं रही है दूसरे राज्य से आकर क्रिमिनल कोयलांचल में किराए के मकान में शरण ले रहे हैं और घटना को अंजाम दे रहे हैं।