लोकल ब्रेड निर्माताओं ने तो दोनों तरफ से जेब काटने की तैयारी की है। एक तरफ दाम बढ़ाया तो दूसरी तरफ वेट यानी वजन भी कम कर दिया है। यह उपभोक्ताओं पर दोहरी मार है।
सामान्य और ब्राउन ब्रेड दोनों के दाम बढ़ाए गए हैं। सिर्फ दाम ही नहीं बढ़ा है, बल्कि कंपनियों ने इस का वजन भी घटा दिया है। 200 ग्राम का ब्रेड 20 रुपए की जगह 23 में बिक रहा है। 400 ग्राम ब्रेड की कीमत थी 45 रुपये थी, इसकी मांग बढ़ी तो दाम भी बढ़ा दिए, ब्रेन ब्रेड 45 रुपए एमआरपी वाला अब 50 रुपये में मिल रहा है।
उपभोक्ताओं पर दोहरी मार
कारण पूछने पर जवाब मिलता है- ब्रेड सूख गया होगा। इसीलिए वजन कम दिख रहा है। ब्रेड का दाम बढ़ने के पीछे गेंहू की कीम में बढ़ोत्तरी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
ब्रेड महंगा होने से धनबाद कोयलांचल के हजारों उपभोक्ताओं पर असर पड़ा है। अधिकांश लोग सुबह का नाश्ता दूध ब्रेड के साथ करते हैं। इसमें ज्यादातर युवा हैं। वह ब्रेड के साथ ही सुबह नाश्ता करते हैं। ऐसे में अब उन पर इसका सीधा असर पड़ा है। उन्हें ब्रेड का कोई भी पैकेट खरीदने पर तीन से 5 रुपए अधिक खर्च करने पड़ेंगे। शहर में ब्रेड बेचने वाली अलग-अलग तीन से चार कंपनियां है। सभी ने एक साथ दाम बढ़ा दिए हैं।
ब्रेड के दाम बढ़ गए हैं। ग्राहक आकर बोलता है कि पिछले महीने तो काम था, अब अचानक कैसे बढ़ गया। कंपनियों ने ही दाम बढ़ा दिया है तो हम क्या कर सकते हैं। मुझे लगता है इधर एक साल में ब्रेड के दाम में लगभग 10 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। हमारे यहां से हर दिन 20 से 30 पैकेट बड़े ब्रेड की खपत हो रही है।
इंडियन मीडिया काउंसिल के झारखंड बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि मेरा तो सुबह का नाश्ता ब्रेड से ही होता है। कभी ब्रेड मक्खन तो कभी ब्रेड चाय। हफ्ते में दो-तीन बार तो शाम में सैंडविच बन जाती है। कह सकते हैं मैं ब्रेड का रेगुलर कस्टमर हूं। मुझे याद है बड़ा ब्रेड का पैकेट 12 रुपए का था, तब से खरीद रहा हूं अभी 50 हो गया है। इतनी बढ़ोतरी तो किसी आइटम में नहीं होती है।