मानवाधिकार सुरक्षा संगठन की टीम ने एक बीमार महिला को एसएनएमएमसीएच अस्पताल द्वारा भर्ती नहीं करने के चलते हो गई मौत के मामले का टीम ने अस्पताल में पहुंचकर किया जांच।
विदित हो कि अस्पताल में गिरिडीह की रहने वाली अहिल्या देवी इलाज के लिए आई थी, जो कि गंभीर रुप से बीमार थी, उसे तेज बुखार था एवं सांस लेने में उसे काफी तखलीफ हो रही थी। उन्हें भेंटिलेटर की सक्त आवश्यकता थी। मरीज के परिजन लगभग 3 घंटे तक डॉक्टर एवं कर्मचारियों से एमरजेंसी वार्ड में भर्ती करने के लिए आरज़ू बिन्नी करते रहे परन्तु अस्पताल ने मरीज को एमरजेंसी वार्ड में भर्ती नहीं किया। अन्ततः एम्बुलेंस में ही महिला तडप-तडप कर मर गई।
ज्ञात हो कि गंभीर रूप से बीमार महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं करना एवं ईलाज के अभाव में महिला की मौत हो जाना यह पूर्ण रूप से मानवाधिकार का हनन है।
इस मार्मिक घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष सज्जन शर्मा ने 5 सदस्यीय टीम गठित कर जिनमें संगठन के राज्य प्रतिनिधि बिनोद प्रसाद , राज्य उप प्रभारी राजीव कुमार , स्टेट मोटीभेटर शैलेन्द्र कुमार , स्टेट मोटीभेटर दिलिप कुमार महतो के संयुक्त टीम द्वारा अस्पताल पहुंचकर, मार्मिक घटना की निष्पक्ष जांच की गई। जांच के क्रम में संगठन के अध्यक्ष सज्जन शर्मा ने अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड एवं अन्य कई वार्डो का निरक्षण किया। साथ ही डॉक्टर एवं नर्सों को हिदायत दी गई कि मरीजो के इलाज में भेद-भाव नहीं किया जाय।
श्री शर्मा ने अस्पताल के अधीक्षक डा० अनिल कुमार को हिदायत दी है कि मरीजो के इलाज में किसी तरह का कोई कोताही नहीं बरती जाए। साथ ही अधिक्षक को एक पत्र देते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। अधीक्षक ने अश्वासन दिए हैं,कि जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए.